1.
पापा- चुनमुन उठो भई. सात बजने वाले हैं.
बेटी- पापाजी बस पांच मिनट.
पापा- कल तो बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं कि पापाजी कल जल्दी उठा देना. अब तो स्कूल भी खुलने वाले हैं. और अब बस पांच मिनट.
बेटी- पापाजी बस दो मिनट.
पिता- कल जब स्कूल खुलेंगे तो क्या करोगे ?
बेटी- पापाजी जब सिर पर पड़ती है तो सब आगे-आगे भागने लगते हैं!
~15.01.19~
2.
सुबह-सुबह एक चैनल की हैडलाइन थी.
~बजट का महाकुंभ~
इसे सुनकर बेटी बोली- पापाजी कुंभ खत्म हो गया क्या?
पापा- नहीं तो.
बेटी- वैसे लोग वहां जाकर क्या करते हैं?
पापा- वहां नहाकर अपने पाप धोते हैं!
बेटी- फिर लोग पाप करते ही क्यूं हैं ?
~01.02.19~
3.
बेटी- पापाजी ये हमारे स्कूल वाले गजब ही हैं.
पापा- क्यूं भई क्या हुआ?
बेटी- देखो पहले कह रहे थे कि अप्रैल में स्कूल खुलेंगे और अब कह रहे हैं कि 1 मार्च को स्कूल खुलेंगे.
पापा- तो क्या हुआ! घर में बोर होने से अच्छा है कि स्कूल में मस्ती करो. जब तक रिजल्ट नहीं आ जाता.
बेटी- वो तो ठीक है लेकिन 15 मार्च की जगह 16 मार्च को स्कूल खोलते तो ज्यादा अच्छा होता!
पापा- 15 और 16 मार्च में क्या फर्क है भई.
बेटी- अरे पापाजी 15 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे है ना.
पापा- तो फिर!!
बेटी- अरे मैं वर्ल्ड स्लीप डे के दिन खूब सोती. अब नहीं सो पाऊँगी. आप समझते नहीं हो!
~03.03.2019~
4.
बेटी- पापा जी आज पंखा चला ही लो.
पापा- क्यों भई? किस खुशी में? आपको दिख नहीं रहा कि मुझे बुखार है और आप पंखा चलाने को कह रहे हो!
बेटी- इसलिए तो कह रही हूं!
पापा- वाह! बहुत अच्छे!
बेटी- आप सुनो तो सही.
पापा- चलो सुनाओ.
बेटी- देखो अगर पंखा चलेगा तो आपको थोड़ी ठंड लगेगी और जब ठंड लगेगी तो आप कंबल जरुर ओढोगे.
पापा- तो फिर ?
बेटी- देखो जब आप दो-दो कंबल ओढेंगे तो आपको पसीना आएगा. और जब पसीना आता है ना तो बुखार उतर जाता है.
भई माफ करो.
~थोड़ी देर बाद~
बेटी- पापाजी पंखा चला लूं.
पापा- नैना!!
~फिर 10 मिनट बाद~
बेटी- पापाजी
पापा- चला लो.!
~18.03.19~
5.
बेटी- पापाजी कल सुबह 8 बजे स्कूल चलना है. रिजल्ट लेने के लिए.
पापा- अरे भई दादू को ले जाओ ना.
बेटी- आपको चलने में क्या दिक्कत है?
पापा- अरे समझा करो. दादू को ले जाओ ना.
बेटी- बाबाजी अपनी डीटीसी बस से ले जाएंगे. और आप ऑटो से. आप भी समझा करो!
~28.03.19~

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