10.
अभी दो मिनट पहले मैं हुड पहने छज्जे और गैलरी में इधर-उधर घूम रहा था.
बेटी- क्या पापाजी इधर-उधर घूम रहे हो!
पापा- क्या करूं बेटा चैन ही नहीं मिल रहा. बेचैन-सा हो रहा हूं.
बेटी- पापाजी चैन इधर-उधर घूमने से नहीं मिलेगा. अपने अंदर झांको मिल जाएगा. देखो वो बच्चा आइसक्रीम खा रहा है और आप....
~21.10.23~
11.
पापा- और बच्चू मोबाइल पर गाने लगा रहे हो क्या?
बेटी- आपको क्या लगता है इतने सारे बर्तन बिना गाने के मंज (धूल ) जाएंगे!
[ आज बेटी ने रसोई संभाली हुई है.]
~22.10.23~
12.
पापा- साढ़े 10 बज गए.
बेटी- अभी तो 11 भी बजेंगे.
पापा- बच्चू कल रात जब नींद नहीं आ रही थी तो कुछ लिखा था.
बेटी- पता है पापाजी आज मेरी कुछ सहेलियां गरबा करने आई.पी एक्सटेंशन गई हैं.
पापा- पता नहीं मुझे गरबा कुछ समझ और पसंद नहीं आया.
बेटी- पसंद-वसंद जैसा कुछ नहीं होता. बस लोग माहौल को फील करने जाते हैं.
पापा- आपने ये बात मेरे लिखे को सुनने से बचने के लिए कही है ना!
बेटी- हा-हा!
पापा- ज्यादा बड़ा नहीं लिखा था बस.
बेटी- अभी तो पापाजी मैंने कपड़ों पर प्रेस भी नहीं की.
पापा- फिर काट दी मेरी बात.
बेटी- हा-हा!
~22.10.23~
13.
रात को सोने से पहले.
पापा- बच्चू बड़े दिनों के बाद एक फिल्म पसंद आई है.
बेटी- ओके.
(बेटी बात करने के मूड में नहीं.)
~सुबह जब बेटी कोचिंग क्लास के लिए तैयार हो रही थी~
पापा- रात को मैं जिस फिल्म की बात कर रहा था. उसकी कहानी बताऊं.
बेटी- मेरे पास कहानी सुनने का टाइम नहीं है.
पापा- अरे पूरी कहानी नहीं, जो ट्रेलर में देखी वो. 3 तारीख से आ रही है. वो भी सिनेमा हॉल में.
बेटी- तो देख आओ.
पापा- देखते हैं.
बेटी- जब कभी आप शाहरुख खान से मिलोगे तो उन्हें क्या मुंह दिखाओगे. उनकी एक फिल्म भी कभी आते ही नहीं देखी और ये Unknown-सी फिल्म देखने की सोच रहे हैं!
पापा- हा हा!
*शाहरुख खान हमारे पसंदीदा अभिनेता हैं. वो अलग बात है कि इसके बाद भी उनकी बहुत फ़िल्में नहीं देखी. चंद फिल्मों के अलावा. लेकिन छूटपन में सबके विरोध के बाद भी शाहरुख का पोस्टर कमरे से नहीं हटाया था.
फिल्म थी- 'three of us'
~28.10.23`
14.
~सुबह-सुबह~
पापा- बच्चू सुबह उठने के कितने अलार्म लगाते हो! मेरी नींद खुल जाती है.
बेटी- बस चार. ये कोई ज्यादा हैं!!
पिता- हा हा!
~05.11.2023~
15.
बेटी- पापाजी आप ना अनिल कपूर की तरह अपनी दाढ़ी काली करवा लो.
पापा- क्यूं भई?
बेटी- वो मेट्रो में लोग आपकी सफेद दाढ़ी देखकर आपको सीनियर सिटीजन समझ बैठते हैं. और फिर अपनी सीट आपको ऑफर करने लगते हैं.
*सच में ये कई बार मेट्रो में मेरे साथ हो चुका है.
~05.12.23~

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