Saturday, September 27, 2025

पापाजी दुःख बैकग्राउंड की तरह बड़े-बड़े होते हैं और सुख स्टार की तरह छोटे-छोटे होते हैं

1.

~आजकल बेटी के 12 वीं कक्षा के बोर्ड के पेपर चल रहे हैं. आज उसका 'रसायन विज्ञान' का पेपर था~


बेटी- पापाजी मैं जब पेपर देने स्कूल में चली जाती हूं तो आप बाहर बोर नहीं होते. तीन घंटे बाहर बैठकर क्या करते हो?

पापा- कुछ खास नहीं. थोड़ा इधर-उधर पैदल टहल लेता हूं बस.

बेटी- कल आप एक काम करना.

पापा- क्या?

बेटी- कई साल हो गए पनीर वाली जलेबी खाए. ऐसा करना आसपास में कोई हलवाई की दुकान तो होगी ही. पनीर की जलेबी ले आना. आपका टाइम भी पास हो जाएगा. मेरे को पनीर की जलेबी खाने को भी मिल जाएगी.

 

2.


बेटी- अब मुझे लगता है कि दुःख बैकग्राउंड की तरह बड़े-बड़े होते हैं और सुख स्टार की तरह छोटे-छोटे होते हैं. 

~13.03.23~


3.

बेटी- पापाजी पेपर ख़त्म होने के बाद मैं किसी दिन सहेलियों के साथ सीपी घूमने जाऊंगी.

पापा- ओके. पर घूमने का प्लान शनिवार को रखना.

बेटी- क्यों?

पापा- शनिवार को जाओगे तो मैं आपके साथ चल पडूंगा. मैं कॉफ़ी हाउस चला जाऊंगा. और आप सहेलियों के साथ सीपी घूम लेना और फिर बाद में दोनों साथ-साथ घर आ जाएंगे.

बेटी- पापाजी ये कोई बात हुई. आखिर कब तक. अकेले जाने की शुरुआत आज नहीं तो कल करनी है ही. क्यों ना पेपरों के बाद से कर दें.

पापा- ठीक है भई.


~दो दिन बात~


पापाजी आज तो मौसम कह रहा है कि घूम लो. और बेटी सीपी घूमने चली गई.

~02.04.23~    


4.


पापा- बच्चू कल का कैसा करना है. मम्मी और मैं दोनों ही आपको छोड़ने नहीं जा पाएंगे.

बेटी- आप बताओ कैसे करना है. मुझे तो नहीं समझ आ रहा...अच्छा एक काम तो हो सकता है. यहां मेट्रो तक तो मम्मी छोड़ ही देगी. और उधर से?

पापा- उधर से. या तो पैदल ही निकल जाना. अगर देखे कि मेट्रो स्टेशन के बाहर भीड़ नहीं और सर्विस लेन पर भी इक्का-दुक्का लोग ही हैं तो रिक्शा ले लेना. 

बेटी- वो तो मैं ले लूंगी लेकिन कोई-कोई रिक्शा वाला ड्रिंक किए होता है उसका? जब तक उसके रिक्शे में बैठो ना तब तक पता नहीं चलेगा!

पापा- एक काम करना, जो रिक्शे वाला नहाया-धोया से लगे यानि वेल ड्रेस हो. उस रिक्शेवाले को पूछ लेना.


~अभी कुछ देर पहले मैसेज आया~ 

Reached.

रिक्शा से या पैदल?

रिक्शा से.

गुड

~17.07.23~


 5.


बेटी- पापाजी आपका जमीर कैसे ALLOW कर गया.

पापा- क्यों क्या हुआ?

बेटी- मुझे खांसी है और आप हलवा बनवा रहे हो!

~20.05.2023~

2 comments:

ghughutibasuti said...

यह उपहार तो जबरदस्त है। खूब रोचक बातें होती हैं पिता पुत्री की। बधाई।

सुशील छौक्कर said...

शुक्रिया आपका.