1.
पापा- हां तो बच्चू मैं कहां था!
बेटी- आप कहीं नहीं. यहीं थे! अपनी कुर्सी पर बैठो और खुद भी काम करो. और हमें भी काम करने दो. समझे पापाजी!
[दरअसल बेटी मोबाइल से स्कूल की हाजिरी लगा रही थी. तो हम अपने जमाने की हाजिरी के किस्से सुनाने लगे. ]
2.
बेटी- आज खाना खाने में मजा आएगा.
पिता- क्यों भई, क्या हुआ?
बेटी- आज पंखा जो चल रहा है!
~27.02.21~
3.
अभी हम बाप-बेटी छत पर घूम रहे थे. इस वक्त हम दोनों दुनिया जहां की बातें करते हैं.
आज कह रही थी पापाजी आपका घूमने का मन नहीं करता? जब आप छोटे थे तब करता था? अच्छा अगर घूमने जाना हो तो कहां जाना पसंद करोगे?
मैं अपनी बात करने लगा. अपने दिल की परतों को खोलने लगा. फिर बीच में उसने एक बात कही कि पता है 'पापाजी हमें पेरेंट्स के पैसे से अपनी need पूरी करनी चाहिए और ना कि मस्ती, घूमना फिरना. जो मजा अपने कमाए पैसे से घूमने में है, वो पेरेंट्स के पैसे में नहीं.'
~17.03.2021~
4.
पापा- बच्चू क्या देख रहे हो?
बेटी- सवाल देख रही हूं.
पापा - अरे भई देखो नहीं करो.
बेटी - पहले समझूंगी तब ही करूंगी ना.
पापा - हां ये बात भी है. चलो देखो. कुछ समझ नहीं आया तो पूछ लेना.
बेटी - हां-हां. वैसे नेट पर समझाने वाले भी मिल जाते हैं. क्योंकि पहले आप समझोगे फिर मुझे समझाओगे. समय लगेगा. आप तो छोड़ो.
पापा - हां कह तो सही रही हो. वैसे इस बार आपके जो भी नंबर आएंगे. उसमें सिर्फ और सिर्फ आपकी ही मेहनत होगी क्योंकि स्कूल खुले नहीं. ट्यूशन आप गए नहीं. और मैं पढ़ा पाया नहीं.
बेटी - हां-हां. आप main point पर आओ.
पापा - यानि सब आपकी मेहनत और काबिलियत पर निर्भर करता है कि इस बार आपका रिजल्ट क्या आता है. और साइंस लेने के लिए आपको 85 % प्रतिशत नंबर लाने होंगे. देख लो बच्चू!
बेटी - ये मुझे भी पता है.
पापा - आपका रिजल्ट अच्छा आ गया और मेरे पास पैसे आ गए तो समझो आपका लैपटॉप पक्का.
बेटी - ओ हो. आप मेरे को रिश्वत दे रहे हो सच बताऊं. मुझे आजतक ये समझ नहीं आया कि मां-बाप ऐसी रिश्वत क्यों देते हैं. हां ये अलग बात जब रिजल्ट अच्छा आ जाए तो सरप्राइज के तौर लैपटॉप जैसा कुछ भी दे दो. तो खुशी होती है. लेकिन ये रिश्वत अपने पल्ले नहीं पड़ती! वैसे भी जब हमें किसी चीज की जरूरत होगी तो खुद ही कमाएंगे और ले लेंगे तब. चलो बहोत हो गया लैपटॉप, पेपर, रिजल्ट. आप अपने डेस्कटॉप पर बैठो..और हम अपने मोबाइल पर सवाल समझते हैं.
~10.04.21~
5.
पापा- बच्चू एक बात तो बताओ.
बेटी-.....
(बेटी मोबाइल में कुछ सर्च कर रही है.)
पापा- पूछो-पूछो.
बेटी- अगर मैं नहीं पूछूंगी तो क्या आप नहीं बताओगे!
पापा- बताऊंगा.
बेटी- फिर बताओ.
पापा -पहले पूछो तो सही.
बेटी- हां बताओ, आप क्या कह रहे थे.
पापा- मैं कह रहा था कि ये जो मेरा दर्द है ना. खाना खाने के बाद कम क्यों हो जाता है?
बेटी- अभी मैंने डॉक्टर बनने की सिर्फ सोची है. डॉक्टर अभी बनी नहीं हूं. जब डॉक्टर बन जाऊंगी तब इस पर बात करेंगे. ठीक है!
~13.05.21~
6.
पिता- बच्चू कल से भारत में फेसबुक और ट्विटर बंद होने वाले हैं.
बेटी-फिर आपका गुजारा कैसे चलेगा!
~25.05.21~
7.
बेटी- पापाजी आपका टेस्ट (पसंद) जैसा है ना. या तो आपको रईस होना चाहिए था या फिर रईस घर में पैदा!
~12.06.21~
8.
दो चार दिन से बेटी को 'जेएनयू' के कुछ किस्से सुना रहा हूं..आज सुबह जब मेट्रो में बंदर वाला विडियो देखा तो बेटी को 'जेएनयू' का एक बंदर वाला किस्सा सुनाने लगा. सुनकर बेटी बोली-'पापाजी आपको तो 'जेएनयू का ब्रांड एम्बेसडर' बना देना चाहिए.
~21.06.21~


No comments:
Post a Comment