8.
सुबह-सुबह बेटी ने कह दिया है कि आज मेरे लिए कुछ खाने की चीज मत लाना, पर खेलने की चीज जरुर लाना. मेरे पेपर खत्म हो जाएंगे तो खेलूंगी ना. ठीक है! सुन लो खाली हाथ मत आना!
~16.09.2013~
9.
पापा- बच्चू पेपर कैसा गया ?
पापा- बहुत अच्छा मतलब खराब.
बेटी- बुद्धु पापा बहुत अच्छा मतलब अच्छा। मैंने सारे सवालों कर दिए।
मां- आठ सवालों में से केवल पांच करने थे। और ये सारे सवाल कर आई।
बेटी- पापाजी सारे सवाल इजी थे ना तो मैं सारे कर आई.
10.
वो अपना चश्मा ले आए? नहीं ना. क्या पापाजी सब कुछ मुझे ही याद दिलाना पड़ता है.
~25.9.2013~
11.
बेटी- पापाजी मैंने अपनी दोनों मैडम को पैन गिफ्ट कर दिया.
पापा- अरे भाई जन्मदिन आपका है या आपकी मैडम जी का! जिसका जन्मदिन होता है उसे गिफ्ट मिलता है. ना कि वो किसी को गिफ्ट देता है. समझे!
बेटी- अरे पापा आप बिल्कुल बुद्धु हो, आपको कुछ नहीं पता!!
12.
बेटी- पापाजी धीरे-धीरे करो ना कंघी... बाल खींचते हैं.
पापा-मैंने कल कहा था ना कि बालों में मम्मी से तेल लगवा. आज शेम्पू किया है. नहीं तो सुबह मत बोलना कि बाल खींचते हैं.
बेटी- अब मैं का करुं! मैं भूल गई थी. आप भी तो भूल जाते हो!
पापा- अच्छा दो चोटी करनी है या....
बेटी- दो करो या चार...बस बाल मत खींचो पापाजी!!
पापा- अच्छा ठीक है.
13.
बेटी- पापाजी एक बात पूंछू बताओगे...
पापा- क्या?
बेटी- पापाजी हम सब एक धर्म के क्यों नहीं हैं. हम हिन्दू हैं. वो अंकल मुसलमान है. और हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरदार हैं. और पापाजी ईसाई भी होते हैं.
पापा- मैं क्या बताऊं....कि ऐसा क्यूं है.
बेटी- पापाजी बताओ ना!
पापा- बच्चू मुझे नहीं पता.
बेटी- अच्छा फिर ये बताओ कि चंदा मामा रात को ही क्यों दिखता दिन में क्यों नहीं?
पापा- ये तो मुझे पता है. वो ना....
~21.10.2013~
14.
बेटी- पापाजी पापाजी कल मेरी क्रिसमस की छुट्टी है. कुतुब मीनार चलें... बहुत दिन हो गए. मैं घूमने नहीं गई.
पापा- वहां क्या करोगी. वहां सिर्फ बड़ी-सी मीनार है. और खंडहर!
बेटी- नहीं पापाजी मेरे को कुतुब मीनार ही जाना है.
-एक दो मिनट के बाद-
बेटी- पापाजी वहां होटल तो होगा ही ना खाने-वाने के लिए.
पापा- बच्चू वहां कोई होटल-वोटल नहीं है.
बेटी- तो फिर मैं नहीं जा रही कुतुब मीनार.
~24.12.2013~



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