Saturday, September 27, 2025

पापाजी सोते वक्त अच्छी बातें सोचते हुए सोना चाहिए

 

9.

बेटी- पापाजी 'लेमन राइस' में मजा आ गया. वैसे ही बने हैं जैसे मैंने Youtube पर देखे थे.

पिता- आखिर बनाए किसने है!

बेटी- रहने दो रहने दो..वो तो बस बन गए अच्छे!

~01.06.21~


10.


आज जब सुबह पता चला कि आज 10 कक्षा के छात्र-छात्राओं का परिणाम आने वाला है. मैं तो नर्वस था, बेटी थोड़ी नर्वस लेकिन उत्सुक थी. बस दोनों की घड़ी के 12 बजने का इंतजार करने लगे. मेरा दिल ऐसे धड़क रहा था जैसे मेरा ही रिजल्ट आ रहा हो. जब 12 बजने वाले थे तो बेटी बोली 'पापाजी रिजल्ट आप देखोगे या फिर मैं देखूं.' देखना तो मैं ही चाहता था लेकिन अपने पास्ट को देखकर हाथ रोक लिए. और बेटी को कहा कि वो ही देखे. पास तो सभी को हो जाना था. बात तो नंबर की थी. खैर रिजल्ट आया और बेटी को ७८.४% मार्क्स मिले. एक बार को दोनों चौके. लेकिन फिर पाया कि सच में हम मैथ्स में कमजोर थे. उसी का ये परिणाम है. दोनों ही फिर बातों से एक दूसरे को नार्मल करने लगे. मैं सोचने लगा कि जिस इंग्लिश में मैं कमजोर रहता था उसमें बेटी अच्छे नंबर ले आई और जिस मैथ्स में मैं अच्छा था उसमें बेटी थोड़ा पिछड़-सी गई. खैर मेरे से तो आगे निकल गई! ये खुशी भी क्या कम है!

अब एक चिंता हो रखी है कि बेटी को यूं तो साइंस मिल गई है. कहीं नंबर कम होने की वजह से साइंस छीन ना जाए. दरअसल उसे कॉमर्स पसंद नहीं है और आर्ट उसने लेनी नहीं है. जब ऐसी स्थिति हो तो पापा का  चिंतित होना स्वाभाविक है.


खैर ये बात बेटी को बताई तो वो बोली, 'पापा आप ना कुछ ज्यादा ही डीप में नहीं सोचने लगते हो. ऐसा कुछ नहीं होगा. अपने दिमाग से ये डर हटा दो.'


उसे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं होगा लेकिन मैं तो डरा-सा हूं! खैर जो रब की मर्जी होगी. वही हमें मंजूर होगी! 

~03.08.21~


11.


बेटी- पापाजी आपके अकाउंट में 150 रुपए हैं?

पापा- इतने तो होने चाहिए. लेकिन पूछ क्यों रही हो?

बेटी- वो एक किताब को पढ़ने का मन हो रहा था.

पापा- कोई नहीं. कर दो आर्डर.

बेटी- पापाजी एक और किताब पसंद आ गई. दोनों आर्डर कर दूं?

पापा- दोनों किताबों का टोटल कितना हुआ?

बेटी- बस 280 रुपए. पापाजी अगले महीने मेरा जन्मदिन आ रहा है. समझो ये आपकी तरफ से मेरे जन्मदिन का गिफ्ट हो गया. 

~24.08.21~


12.


पिता- बच्चू आज आपने खाना खाते वक्त 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' नहीं चलाया?

बेटी- वो आज आपसे बहस करनी थी ना!  

~22.08.21~


13.


बेटी- पापाजी ये रक्षाबंधन का त्योहार महीने-तीन महीने में आता रहना चाहिए.

पापा- क्यों भई?

बेटी- एक हम आपस में मिल भी लेते हैं और दूसरा अच्छा खासा पैसा भी मिल जाता है ना.  

~22.08.21~


14.

बेटी- पापा जी पूरी क्लास में मैं ही थी, जो दो मास्क लगाकर आई थी. आपकी वजह से दो मास्क लगाकर गई थी.

पापा- तो क्या हुआ? बाहर जाने के लिए ऐसी सेफ्टी जरुरी है.

बेटी- पता है. मेरी एक सहेली मुझे ढूढ़ रही थी. तो उसने मेरी दूसरी सहेली से पूछा कि नैना कहां है? आई नहीं क्या आज? तो पता है मेरी उस सहेली ने क्या जवाब दिया?

पापा- क्या?

बेटी- वो बोली कि जिसने दो मास्क लगा रखे हों तो समझ ले वो नैना है.

पापा- हा-हा-हा!

~01.10.21~


15.


बेटी- पापाजी हम सबको जीवन के फ्लो के साथ चलना चाहिए. अगर आप उस फ्लो के साथ नहीं चले तो आपको ही परेशानी होगी. अगर आप रुकते हैं तो उसका फ्लो आपको परेशान करेगा. अगर आप उसके विपरीत चलते हैं तो कुछ समय बाद वो आपको अपने साथ बहा कर ले जाएगा. इसलिए समय के साथ चलो. 

~15.11.21~ 


16.


बेटी- पापाजी एक बात बोलूं.

पापा- बोलो भई बोलो.

बेटी- सोते वक्त अच्छी बातें सोचते हुए सोना चाहिए. चाहे आप उस किताब की बातें भी सोचकर सो सकते हैं. जिसके बारे में आप मुझे आजकल बताते रहते हैं. नींद जल्दी और अच्छी आएगी.

पापा- ओके जी ओके.


[ कल पूरे दिन मूड ख़राब रहा. बेटी बार-बार कहती रही. पापाजी कूल. और रात को अच्छी नींद का ज्ञान दिया वो अलग. उसके पास हर समस्या का हल होता है आजकल. ]

~03.12.21~


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