1.
पापा- कहां तक पहुंचे?
बेटी- कश्मीरी गेट.
पापा- अभी तक यहीं पहुंचे?
बेटी- वो मम्मी ने आइसक्रीम ले ली थी ना.
पापा- इतनी सर्दी में कौन आइसक्रीम खाता है!
बेटी- वो मम्मी ने ले ली थी ना. मुझे भी भूख लगी थी.
2.
सीपी में खादी भंडार से थापर की तरफ आते हुए एक छोटे से स्टाल पर खीरे, ककड़ी कटे हुए लगे थे. उन्हें देख बेटी बोलीं. 'पापाजी खीरे खा लो.'
मैं बोला,' अब तो जमाने हो गए ऐसे कटे खीरे, मूली खाए हुए. किसी जमाने में हम खूब खाते थे.' मतलब ये कि 2020 के पहले खूब खाते थे.
तपाक से बेटी बोलीं,' पापाजी, अब तो पुराने जमाने का फैशन भी लौटकर आ रहा है. आप भी पुराना ज़माना लौटा लाओ.'
~12.04.25~
पापा- अंकल जी के सवाल का जवाब देते वक्त आप आज थोड़ा घबरा गए थे बच्चू. वरना तो सही से बात कर लेते हो.
बेटी- पता है पापाजी. वो टीचर हों या फिर प्रोफेसर, उन्हें अपना स्माइली फेस रखना चाहिए. मैं उनके चेहरे को देख डर गया था. फिर मैं जवाब देते वक्त जो बात कहना चाह रहा था, वो नहीं कह पाया. प्रोफेसरों को इतनी सीरियस नहीं होना चाहिए. तब तो बिल्कुल नहीं, जब किसी से अकेले में बात कर रहो. ठीक है क्लास लेते वक्त सीरियस हो जाओ.
[ दिल्ली विश्वविधालय के एक प्रोफेसर से मुलाक़ात के बाद.]
पापा- कुछ लिखा है. सुनोगी.
बेटी- क्या लिखा है?
पापा- ख़त (एक तुकबंदी की थी बस.)
बेटी- किसको?
पापा- लड़की को!!
बेटी- जिस उम्र में लोग ये सब करने से मना करते हैं. आप उस उम्र में ये सब लिख रहे हो.
पापा- हा हा. अरे आप पूरी बात तो सुनो.
( वो पूरी बात सुने बिना चली गई.)
~07.07.25~

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