Saturday, September 27, 2025

पापाजी जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे चीजों के पाने का उत्साह कुछ कम होता जाता है

1.

बेटी को Dell का लैपटॉप मिल गया. वैसे उसका जन्मदिन अगले महीने है. लेकिन जन्मदिन का गिफ्ट अगस्त महीने में ही मिल गया. पर जब वह लैपटॉप खरीदने के बाद घर आई तो कहने लगी कि ' पापाजी जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे चीजों के पाने का उत्साह कुछ कम होता जाता है.'

खैर एक साल पहले लैपटॉप के लिए सोचा जा रहा था. खरीदा आज गया है.

2.

बेटी- पापाजी मैं जब भी किचन में जाती हूं तो 'नाचोज' (कोई चिप्स है.) मुझे देखता रहता है😄


[ पिछले एक हफ्ते से बेटी खांसी-बुखार की वजह से तली हुई चीजें नहीं खा पा रही है.]


3.


पापाजी इस फोटो में ऐसा लग रहा है जैसे आप मुझे नहीं, मैं आपको शॉपिंग कराने लाई हूं 😍~11.11.24~


4.


बेटी- ( जुराब उतारते हुए.) ना जाने वो लोग कौन होते हैं, जो जुराब पहनकर सोते हैं. मेरे से तो ना सोया जाए.

पापा- मैं हूं ना.

बेटी- मैं आम लोगों की बात कर रही हूं, आपकी नहीं!

पापा- हा हा ! 

[ बेटी का मानना है कि मैं आम इंसान नहीं हूं. लेकिन फिर मैं क्या हूं. उस पर कभी बात नहीं हुई. हुई होगी फिलहाल मुझे याद नहीं. ]

~19.12.24~




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